डेंगू एक ख़तरनाक बीमारी है जिसका समय रहते उपचार करवाना आवश्यक है। डेंगू एक ख़तरनाक बीमारी है क्योंकि अभी तक डेंगू का कोई विशिष्ट इलाज नहीं खोजा जा सका है। डेंगू एक वायरस के कारण होता है इस वजह से अभी तक इसके इलाज को खोजना संभव नहीं हो सका है।
डेंगू बीमारी से बचाव करना बेहद ज़रूरी है अन्यथा ये प्राणघातक भी हो सकता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि हम इस बीमारी की गंभीरता को समझें और इसे हल्के में बिलकुल भी ना लें।
डेंगू बीमारी में व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स या लाल रक्त कणिकाओं का स्तर हद से ज़्यादा कम हो जाता है जो कि अपने आप में ही एक ख़तरनाक स्थिति है। आप जानकर चौंक जाएंगे कि यदि लाल रक्त कणिकाओं का स्तर एक निश्चित पैमाने से कम हो जाएं तो ऐसे में व्यक्ति की जान जाने का भी ख़तरा रहता है।
अब आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किसी मच्छर का काटना एक व्यक्ति के लिए कितना भारी पड़ सकता है।
डेंगू से बचना बेहद ज़रूरी है और इसके लिए हमें ये जानना होगा कि डेंगू के कारण क्या हैं। इसी के साथ हम डेंगू के लक्षण और निवारण के बारे में भी चर्चा करेंगे। तो आइए अपनी इस लेख को आगे बढ़ाते हैं और बात करते हैं डेंगू के कारण के बारे में।
डेंगू एक प्रकार के मच्छर के काटने से होता है जिसका नाम एडीज है। एडीज मच्छर डेंगू के वायरस को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का कार्य करता है। चार प्रकार के वायरस हैं जो डेंगू को जन्म देते हैं- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 व डीईएनवी-4।
जब एडीज मच्छर किसी ऐसे व्यक्ति को काटता है जो डेंगू से जूझ रहा है तो ऐसे में डेंगू का वायरस मच्छर के शरीर में आ जाता है। जब यह मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो ऐसे में व्यक्ति में मच्छर के द्वारा ये वायरस चला जाता है।
इससे व्यक्ति को भी डेंगू हो जाता है। यह वायरस दरअसल डीईएनवी-1 होता है और जब व्यक्ति इस बीमारी से ठीक हो जाता है तो ऐसे में उसके शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र इस वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरक्षित माना जाता है।
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है कि व्यक्ति का शरीर इस विशेष प्रकार के पहले श्रेणी के वायरस से लड़ने के लिए ही तैयार होता है। व्यक्ति का शरीर अन्य प्रकार की श्रेणियों के वायरस के प्रति प्रतिरक्षित नहीं होता है। यदि व्यक्ति दूसरी, तीसरी या चौथी बार भी डेंगू से पीड़ित होता है तो ऐसे में डेंगू काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है।
यदि डेंगू के सबसे मुख्य कारण की बात की जाए तो यह एक वायरस से होता है वो जो मच्छर के द्वारा व्यक्तियों तक पहुंचाया जाता है। कुल मिलाकर एडीज मच्छर का डेंगू को फैलने में विशेष योगदान है।।
आइए अब बात करते हैं डेंगू के लक्षणों के बारे में।
डेंगू का सबसे मुख्य लक्षण तेज बुखार का आना है। जिस व्यक्ति को डेंगू नामक रोग होता है उसे 104 डिग्री फॉरेनहाइट तक का बुखार आता है।
बुखार के साथ साथ पीड़ित के शरीर में कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे-
1.) उलटी आना
2.) सिर दर्द होना
3.) मांसपेशियों में खिंचाव होना
4.) जोड़ों तथा हड्डियों में दर्द होना
5.) आँखों में दर्द होना
6.) त्वचा पर लाल रंग के धब्बे पड़ना
7.) मांसपेशियों में दर्द होना
यदि बुखार के साथ ये लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं तो ऐसे में ये डेंगू बीमारी की तरफ़ एक इशारा हो सकता है। वैसे ज़रूरी नहीं है कि ये डेंगू बीमारी ही हो लेकिन इस तरह की कोई भी स्थिति होने पर हम तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। अपनी सेहत को अनदेखा करना बिलकुल भी अच्छी बात नहीं है।
डेंगू के कारण और लक्षणों के बाद आइए चर्चा करते हैं डेंगू के उपचार के बारे में।
जैसा कि हम ने बताया कि अभी तक डेंगू का कोई विशेष प्रकार का इलाज या उपचार नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि डेंगू एक वायरल डिज़ीज़ अर्थात वायरस से होने वाली बीमारी है।
डेंगू का इलाज तो नहीं है लेकिन समय रहते यदि मेडिकल ट्रीटमेंट या मेडिकल सहायता प्राप्त हो जाए तो ऐसे में डेंगू का उपचार किया जा सकता है। डेंगू का निवारण इस बात पर भी निर्भर करता है कि डेंगू कितना गंभीर है। डेंगू के निवारण के लिए कुछ निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-
डेंगू से पीड़ित व्यक्तियों को एक बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि उन्हें अपने शरीर में जल के स्तर को कम नहीं होने देना है। निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन की स्थिति डेंगू के मरीज़ों के लिए अत्यंत ख़तरनाक हो सकती है।
डेंगू के मरीज़ों को पर्याप्त जल का सेवन करना चाहिए और इसी के साथ तरल पदार्थों को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। डेंगू में उल्टी और तेज बुखार के कारण शरीर में जल का स्तर कम हो सकता है और इसलिए शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना आवश्यक है।
डेंगू में टायलेनॉल तथा पैरासिटामोल जैसी दवाइयों का भी उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यदि शरीर में डिहाइड्रेशन जैसी स्थिति हो गई है तो ऐसे में मरीज़ को आइवी ड्रिप भी लगायी जाती हैं।
जिस व्यक्ति को डेंगू हो गया है उसे अपनी स्वच्छता का विशेष ख़याल रखना चाहिए। डेंगू की स्थिति में मरीज़ स्नान नहीं कर पाता है तो ऐसे में उसे अपने शरीर को किसी साफ़ गीले कपड़े से पोछना चाहिए।
कपड़े को डेटॉल के पानी में भिगोकर इस्तेमाल करें ताकि शरीर पर रहने वाले कीटाणु भी नष्ट हो जाएँ।
अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखें।
यदि आस पास के वातावरण में कहीं गंदा पानी या कूड़ा एकत्र हो रहा है तो ऐसे में मच्छरों को पनपने के लिए एक वातावरण मिल जाता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपने आस पास की सफ़ाई पर भी विशेष ध्यान दें।
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है इसलिए हमें अपनी त्वचा को ढककर रखना चाहिए। यदि हो सके तो अपने हाथ पैरो तथा गर्दन को भी ढककर रखें।
ऐसे स्थान पर जाने से बचें जो गंदा हो या जहाँ कहीं कूड़ा एकत्र हो। यदि किसी स्थान पर मच्छर हैं तो वहाँ पर उठने बैठने से बचें।
डेंगू वायरस से बचाव करके भी स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि जो लोग डेंगू वायरस की चपेट में नहीं आए हैं वे भी अपना विशेष ख़याल रखें।
डेंगू वायरस से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार की ओर ध्यान देना चाहिए। आहार में तरल पदार्थों को शामिल करें और फलों के जूस का सेवन करें।
ज़्यादा तला भुना या जंक फ़ूड खाने से बचें। अपने प्रतिरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाए रखना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार के रोग से लड़ा जा सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए अपने आहार का एक चार्ट तैयार करें और सभी प्रकार के प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स इत्यादि का सेवन करें।
कभी कभी बारिश के बाद किसी गड्ढे में पानी भर जाता है और जब यह सूख नहीं पाता है तो ऐसे में आस पास की गंदगी से मिलकर वह पानी काफ़ी मैला हो जाता है। इस पानी में गंदगी होती है जो मच्छरों को पनपने में मदद करती है। इस तरह की गड्ढों के पास जाने से बचें और यदि आस पास आपको कोई ऐसा गड्ढा दिख रहा है तो उसमें कीटनाशक दवाइयां डालें।
यदि आपके घर के आस पास कोई तालाब है तो आपको उस तालाब की स्वच्छता का भी ख़याल रखना होगा। तालाब में गंदगी ना डालें तथा तालाब के किनारे के आस पास किसी भी प्रकार की कोई रासायनिक वस्तु या कूड़ा एकत्र ना होने दें।
विशेष नोट- डेंगू से बचने या डेंगू के उपचार के लिए यहाँ पर हमने कुछ तरीक़े बताए हैं। ये तरीक़े रिसर्च करके लिखे गए हैं लेकिन डेंगू के मरीज़ को किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। डॉक्टर स्थिति के अनुसार उपचार को लागू करने की सलाह देता है इसलिए अपनी स्थिति को जाँच लेना आवश्यक हैं और उसके बाद ही किसी उपाय को अपनाना सही होगा।
वे लोग जो डेंगू से पीड़ित हैं उन्हें किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर को यह बताना चाहिए कि उसे किस प्रकार के लक्षण अपने शरीर में दिखाई दे रहे हैं। वे लोग जो डेंगू से बचाव कर रहे हैं उन्हें अपनी स्वच्छता और आस पास की स्वच्छता का ख़याल रखना आवश्यक है। किसी भी तरह की कोई दवा इधर उधर से देखकर व जानकर न खाएं। वे दवाएँ जो डॉक्टर के द्वारा लिखी गई हैं सिर्फ़ उन्हीं दवाओं का सेवन करें और रोग को ठीक होने दें। स्थिति चाहे जैसी भी हो उससे घबराए नहीं और डॉक्टर के पास अवश्य जाएं।
इस लेख में हमने डेंगू के कारण, लक्षण और निवारण से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों की चर्चा की है। हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको डेंगू से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी। लेख से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या सुझाव को आप कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हम से शेयर कर सकते हैं।